मुश्किलों से ये हुनर आता कहीं मुद्दत में है, काम आसां यार ये हरगिज़ ग़ज़लकारी नहीं मुश्किलों से ये हुनर आता कहीं मुद्दत में है, काम आसां यार ये हरगिज़ ग़ज़लकारी नह...
देह है चरखा भाव की पूणी गड्डमड्ड लोक-व्यवहार, नेह बावरा पल-पल ताके झूर-झूर मनुहार देह है चरखा भाव की पूणी गड्डमड्ड लोक-व्यवहार, नेह बावरा पल-पल ताके ...
यदि सेहत,उपलब्धि की,चाहत है भरपूर। तो फिर स्वाद, विवाद से ,रहना होगा दूर।। यदि सेहत,उपलब्धि की,चाहत है भरपूर। तो फिर स्वाद, विवाद से ,रहना होगा दूर।।
नमस्कार, मित्रों प्रस्तुत है मेरी गज़ल, पढ़ें व प्रतिक्रिया से अवगत करायें। धन्यवाद ! नमस्कार, मित्रों प्रस्तुत है मेरी गज़ल, पढ़ें व प्रतिक्रिया से अवगत करायें। धन्य...
ग़ज़ल ग़ज़ल
मेरी पहली हिंदी ग़ज़ल (१९८०) यहाँ मौत ही ज़िन्दगी का सिला है मगर मांगने पर ये किसको मिला है? मेरी पहली हिंदी ग़ज़ल (१९८०) यहाँ मौत ही ज़िन्दगी का सिला है मगर मांगने पर ये किसको...